Saturday 31 August 2013


सरकार नाम की 
न समाज काम का 
अपनी सुरक्षा 
खुद करो लड़कियों 
हथियार उठाओ लड़कियों 

रोज़ के तमाशे लगते 
भीड़ लगती 
हटती 
अपनी आन 
को मजाक 
न बनने दो लड़कियों 
हथियार उठाओ लड़कियों 

गर नियम 
सिर्फ हम निभाये 
तो ऐसे कानून को आग 
लगा
तेश को फिर 
हवा दो लड़कियों 
हथियार उठाओ लड़कियों 

बराबरी का 
हक़ देते 
देवी से तुलना करते 
ढोंगी पाखण्डी कितना 
ये समाज 
गिरा है देख लो 
लानत ऐसे समाज को 
न दे जो नज़रों 
में इज्ज़त
तुमको लड़कियों
हथियार उठाओ लड़कियों

मत रहो 
किसी की मोहताज़ 
बनो अपनी 
शक्ति लड़कियों 
नहीं किसी सरकार 
किसी कानून की 
किताब में 
तुम्हारा हित 
लड़कियों 
वक़्त अब यही 
तुम 
हथियार उठाओ लड़कियों

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