चाँद तक कोई
रास्ता नहीं जाता पर
प्यार की हर मंज़िल
चाँद से हो कर गुज़रती है
चढ़ते जूनून से, उतरते
बुखार तक …हर तन्हा
रात में चाँद
हमराज़ होता है
मधमाती रातों में
ख्वाबों भरी आँखों में
अपने हबीब को
ज़ेहन में साथ लिए
चाँद बड़ा खूबसूरत लगता है
मोहब्ब्त की न जाने कितनी
अनकही नज़मो की महफ़िले
चाँद संग रोशन रहती है
दिलजले, संगदिल, दिलबर
सभी का साथी बन
ख़ामोश सदायें सुनता रहता है
यूँ तो चाँद
बहुत दूर है मगर
प्यार के हर मोड़ पर
बाहें फैलाये खड़ा है………