हवाओं की तेज़
चलती सांसे
डराती है मुझे
कुछ देख आई
शायद
घबरा गयी
हाफ़ रही है
न जाने कहाँ
का माहोल
इंसानियत के जानवरों
ने बिगाड़ दिया
सोच रही हूँ क्या
कह दूँ इन को
की ये थम जाये
बहक जाये
शांत हो जाये
कुछ पल के लिए ……
फिज़ा के दलालों
का ईमान नहीं
धर्म नहीं ,
जात नहीं
इंसानियत नहीं
ये सिर्फ
फिज़ा को बदनाम
करना जानते है
सड़क पर ला कर
सरे आम करना
जानते है
आबरू का मतलब
उनके लिय कुछ नही
आबरू के नाम पर
कपडे उतारना
जानते है
तू सब्र कर
थोडा थम जा
इतना धडकनों को न
बढ़ा ......चल
तेरे लिए गुनगुना दूँ
तू बैठ ....
तेरा मन
मैं बहला दूँ ......
चलती सांसे
डराती है मुझे
कुछ देख आई
शायद
घबरा गयी
हाफ़ रही है
न जाने कहाँ
का माहोल
इंसानियत के जानवरों
ने बिगाड़ दिया
सोच रही हूँ क्या
कह दूँ इन को
की ये थम जाये
बहक जाये
शांत हो जाये
कुछ पल के लिए ……
फिज़ा के दलालों
का ईमान नहीं
धर्म नहीं ,
जात नहीं
इंसानियत नहीं
ये सिर्फ
फिज़ा को बदनाम
करना जानते है
सड़क पर ला कर
सरे आम करना
जानते है
आबरू का मतलब
उनके लिय कुछ नही
आबरू के नाम पर
कपडे उतारना
जानते है
तू सब्र कर
थोडा थम जा
इतना धडकनों को न
बढ़ा ......चल
तेरे लिए गुनगुना दूँ
तू बैठ ....
तेरा मन
मैं बहला दूँ ......