Tuesday 31 December 2013

नव वर्ष के नाम......

मेरी ये रचना जाते पलों और आते लम्हों के नाम.......

जाना ही है इसे
चला भी ये जायेगा
कुछ हँसी कि बालियाँ
थोड़ी खरी सी गालियां
चंद रोज़ की कवायते
हल्की हल्की सी निशानियाँ
दिल में छुपा राज़ सा
मन में जागा विश्वास सा
कुछ नया नया सा
अपने और पराये सा
जाने वाला पल
यूँही बीतता जायेगा
आने वाला कल फिर
आ ही जाएगा.......

नया क्या है, कुछ नहीं शायद
गुज़रता ये साल
बीतता हर लम्हा
कुछ बैगानी बातों
कुछ यादों का कलमा
जीता हर क्षण
जैसे आँखों में बेहता नगमा
घड़ी भर में ढल जायेगा
बन के पल भर का सपना…...

Sunday 8 December 2013


रात का दूसरा पहर 
दूर तक पसरा सन्नाटा और 
गहरा कोहरा 
टिमटिमाती स्टीटलाइट 
जो कोहरे के दम से 
अपना दम खो चुकी है लगभग 
कितनी सर्द लेहर लगती है 
जैसे कोहरे की प्रेमिका 
ठंडी हवा बन गीत गाती हो 
झूम जाती हो 
कभी कभी हल्के से 
कोहरे को अपनी बाहों में ले 
आगे बढ़ जाया करती 
पर कोहरा नकचढ़ा बन वापस 
अपनी जगह आ बैठता 
ज़िद्दी कोहरा प्रेम से परे 
बस अपने काम का मारा 
सर्द रात में खुद का साम्राज्य 
जमाये है हर तरफ
गली, दुकान, बड़े और 
छोटे मकान, पेड़, पौधे 
और सड़कों कि स्ट्रीटलाइट 
पर जमा बैठा है 
सारे लोगों को ठिठुरा कर 
घर भेज दिया

सोचती हूँ 
क़ाश ये कोहरे जैसा कुछ 
मन में भी होता जो 
मन की सड़को से 
चिन्ताओं को ठिठुरा कर 
वापस समय में विलीन कर देता 
और मन को खुद से ढक कर 
एक सुकून भरी रात तो देता मुझे 
काश !!!......

Friday 6 December 2013


सुनहरी ठंडी धूप 
मीठी सी महक लिए
खिलते फूल 
मचलती टिमटिमाती किरणे 
चेहरे पर पड़ते ही 
दिल छू लेती है 

शाखों से गिरती छाव 
मालूम होता है जैसे 
हाथ हिला कर 
ख़ुशी जताती हो 
मेरे आने की

यूँ समेटे है सूरज 
अपनी रोशनी में इस 
मंज़र को 
जैसे गहरे अंधकार के 
बाद एक दीया 
जला हो 

हरी मखमली घास पर 
यूँ उतरते है 
पेड़ों से पत्ते 
जैसे सूरज की बाहों में 
सभी सोने चले हो 

प्रकृति की सुंदरता 
शब्दों से परे 
जैसे ईश्वर का 
स्वरुप आँखों से परे हो..

Wednesday 4 December 2013

प्रेम
परिचय को
पहचान बना देता है

पहचान
अपनों को
रिश्ता बना देता है

रिश्ता
लोगों को
कमज़ोर बना देता है

कमज़ोर
इरादों को
अंधकार बना देता है

अंधकार
ज़िन्दगी को
मुश्किल बना देता है

मुश्किल
लोगों को
अनजान बना देता है

अनजान
पहचान को
परिचय बना देता है

परिचय
संवाद को
प्रेम बना देता है

प्रेम
परिचय को
पहचान बना देता है…….