Sunday 6 October 2013

सबके लिए लिखती हूँ .....आज कुछ अपने दोस्तों के लिए लिखा है .....ज़िन्दगी में बहुत कड़वे और मीठे एहसास मिले पर मेरे दोस्तों का साथ मुझे सहज रहने में मेरी हमेशा मदद करता है .....यूँ तो मेरी सबसे करीबी सिर्फ एक ही है ....पर यहाँ अपने सभी दोस्तों को मैंने याद किया है .....

तुम दोस्त हुए तो
आओ कुछ
बातें कर ले
तुम अपनी कह देना
कभी लगे तो
मेरी भी सुन लेना
मेरी चुप्पी से
समझ लेना
मैं तुम्हारे शोर से
पहचान लुंगी
जो बात
दिल को बुरी लगे
तुम बता देना
मैं भी जता दूंगी
कभी गम जो आएगा
दोस्ती पर
तुम उदास हो लेना
मैं रो लूंगी
खुशियों की चाबी जो
मुझे मिली
तुम अपने गम पर
ताला लगा लेना
मैं वही बैठ पहरा दूंगी
तुम खुशियों की बारिश का
मज़ा लेना
मैं तुम्हे भीगा देख
खुश हो लुंगी
तुम दोस्त हुए तो
मेरे हिस्सेदार हुए हो
तुम नयी राहे तलाशना
मैं तुम्हे दीया दिखा दूंगी
अपनी मंज़िल पर तुम
बढ़ते रहना
मैं तुम्हारा मनोबल
बढाती रहूंगी
मेरी हँसी में तुम
मुस्कुरा देना
मैं दिल से ख़ुशी
मना लूंगी
मेरे गम में तुम बस
साथ देना और
मैं मुश्किल वक़्त
भी गुज़र लूंगी
तुम दोस्त हुए तो
आओ कुछ
बातें कर ले
तुमअपनी कह देना
कभी लगे तो
मेरी भी सुन लेना

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