Tuesday 31 December 2013

नव वर्ष के नाम......

मेरी ये रचना जाते पलों और आते लम्हों के नाम.......

जाना ही है इसे
चला भी ये जायेगा
कुछ हँसी कि बालियाँ
थोड़ी खरी सी गालियां
चंद रोज़ की कवायते
हल्की हल्की सी निशानियाँ
दिल में छुपा राज़ सा
मन में जागा विश्वास सा
कुछ नया नया सा
अपने और पराये सा
जाने वाला पल
यूँही बीतता जायेगा
आने वाला कल फिर
आ ही जाएगा.......

नया क्या है, कुछ नहीं शायद
गुज़रता ये साल
बीतता हर लम्हा
कुछ बैगानी बातों
कुछ यादों का कलमा
जीता हर क्षण
जैसे आँखों में बेहता नगमा
घड़ी भर में ढल जायेगा
बन के पल भर का सपना…...

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