Friday 26 July 2013

देखो
स्थति कैसी आई
घोर विडम्बना 
सुन ओ भाई
गरीबी अब 
27 रुपए में बिक गयी
नेताओ ने खूब 
उपाय निकाला
चंद घंटो में 
बरसों की समस्या
का किया सफाया
जितना 
मर्ज़ी आंकड़े
घटाओ बढाओ
कल जो बिन पटरी
अब उसे 
पटरी पे लाओ
सुनते आये 
गरीबी के लिए योजना
हाय
देखो अब हर योजना में
गरीबी अलग अलग
जिसके घर में 
50 रुपए जो निकले
फिर उसे 
आंकड़े खोजने निकले
बद से बद्तर 
हालत देश की
उस पर 
फर्जी हुए कागजात
क्या धड़ल्ले से 
चला रहे
नेता अपनी दुकान
टमाटर से सस्ती और
प्याज से अच्छी
पूरी सेल और 
फुल डिस्काउंट में
मात्र 12 रुपए में
खरीदी भूख 
गरीब की
अब इस का 
व्यापार करेंगे
एक्सपोर्ट कर 
देश का नाम करेंगे
ऐसे नेताओ ने ही तो
अपना देश 
विकासशील बनाया
जो जहाँ था 
उसे और गिराया
चलता रहे 
गिरता मरता
देश का विकास
बस पूरी होती रहे
नेताओ की 
लालची भड़ास
कभी नहीं 
बदलेगा देश अपना
कितने मर 
गए इसकी
तरक्की का लिए 
सपना
बहुत मधुर लगता है
''मेरा भारत महान '' 
सुनना
पर नामुमकिन 
है यहाँ
एक सही नेता चुनना
बिना नमक 
जो दाल
का हाल होता है
वही सही नेता 
के बिना
देश का हाल 
होता है
सुनलो दोस्तों
भारत को बचाने को
अब कोई 
भगवान भी नहीं
ये रोज़ अंधों 
के हाथों बिकता है.....

No comments:

Post a Comment