देखो
स्थति कैसी आई
घोर विडम्बना
स्थति कैसी आई
घोर विडम्बना
सुन ओ भाई
गरीबी अब
गरीबी अब
27 रुपए में बिक गयी
नेताओ ने खूब
नेताओ ने खूब
उपाय निकाला
चंद घंटो में
चंद घंटो में
बरसों की समस्या
का किया सफाया
जितना
का किया सफाया
जितना
मर्ज़ी आंकड़े
घटाओ बढाओ
कल जो बिन पटरी
अब उसे
घटाओ बढाओ
कल जो बिन पटरी
अब उसे
पटरी पे लाओ
सुनते आये
सुनते आये
गरीबी के लिए योजना
हाय
हाय
देखो अब हर योजना में
गरीबी अलग अलग
जिसके घर में
गरीबी अलग अलग
जिसके घर में
50 रुपए जो निकले
फिर उसे
फिर उसे
आंकड़े खोजने निकले
बद से बद्तर
बद से बद्तर
हालत देश की
उस पर
उस पर
फर्जी हुए कागजात
क्या धड़ल्ले से
क्या धड़ल्ले से
चला रहे
नेता अपनी दुकान
टमाटर से सस्ती और
प्याज से अच्छी
पूरी सेल और
नेता अपनी दुकान
टमाटर से सस्ती और
प्याज से अच्छी
पूरी सेल और
फुल डिस्काउंट में
मात्र 12 रुपए में
खरीदी भूख
मात्र 12 रुपए में
खरीदी भूख
गरीब की
अब इस का
अब इस का
व्यापार करेंगे
एक्सपोर्ट कर
एक्सपोर्ट कर
देश का नाम करेंगे
ऐसे नेताओ ने ही तो
अपना देश
ऐसे नेताओ ने ही तो
अपना देश
विकासशील बनाया
जो जहाँ था
जो जहाँ था
उसे और गिराया
चलता रहे
चलता रहे
गिरता मरता
देश का विकास
बस पूरी होती रहे
नेताओ की
देश का विकास
बस पूरी होती रहे
नेताओ की
लालची भड़ास
कभी नहीं
कभी नहीं
बदलेगा देश अपना
कितने मर
कितने मर
गए इसकी
तरक्की का लिए
तरक्की का लिए
सपना
बहुत मधुर लगता है
''मेरा भारत महान ''
बहुत मधुर लगता है
''मेरा भारत महान ''
सुनना
पर नामुमकिन
पर नामुमकिन
है यहाँ
एक सही नेता चुनना
बिना नमक
एक सही नेता चुनना
बिना नमक
जो दाल
का हाल होता है
वही सही नेता
का हाल होता है
वही सही नेता
के बिना
देश का हाल
देश का हाल
होता है
सुनलो दोस्तों
भारत को बचाने को
अब कोई
सुनलो दोस्तों
भारत को बचाने को
अब कोई
भगवान भी नहीं
ये रोज़ अंधों
ये रोज़ अंधों
के हाथों बिकता है.....
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