Wednesday 5 February 2014

कुछ रिश्ते बेशक़ीमती होते है …….

कुछ रिश्ते अज़ीब,
किसी भी बन्धन से परे ,
आज़ाद पँछी जैसे होते है जो
किसी क़ैद में रहना और
डोर में बंधना पसन्द नहीं करते
जिनका साथ एहसासों में
ख्यालों में, याद में और
अक्सर सपनो में होता है

रोज़ की आपाधापी वाली
ज़िन्दगी से अलग़ जो
अपनी अहमियत शांत
एकल पलों में दर्शाना चाहते है
उनका साथ किसी अन्य
वास्तविक रिश्ते के भाव
से कहीं गहरा होता है

ऐसे रिश्तों की समझ
ईश्वरीय होती है जो
चुप से कहती है और
चुप सी सुनती है
अनोखे, अद्भुत एहसास
होते है इनके
सिर्फ दिल की
ज़ुबां बोलते है और
ख़ामोशी के लफ्ज़ पढ़ते है

कुछ रिश्ते रुहानी होते है
रुह में समाये एक
रुह के लिए ……….
कुछ रिश्ते
अल्फ़ाज़ों से अलग़ जो
इबादत से सहेजे जाते है

कुछ रिश्ते बेशक़ीमती होते है …….

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