Tuesday 30 April 2013

मच्छरों ले लो जान हमारी
हो जाये पूरी हसरत तुम्हारी,
ज़िन्दगी तुमने ALLOUT में झोंक दी
कर दी नींदें हराम हमारी
मच्छारो ले लो जान हमारी.....
अज़ब दुनिया तुम्हारी दरिन्दों
हम कम, तुम घरों में ज्यादा रहते
बिन बताये कहीं भी घुस जाते
रात दिन बस उत्पात मचाते
तुम्हारी जनसंख्या पर नहीं कोई रोक
तुमने रिकॉर्ड सालो के मिनटों में तोड़े
अपनी बीमारियाँ हमारे नाम है कर दी
मच्छरों ले लो जान हमारी....
तुम्हारे खर्चे बढ़ते जाते
कभी LIQUID कभी COIL
तो कभी मच्छरदानी तुम मंगवाते,
एक बेचारा साधारण मनुष्य
कैसे तुम्हारे खर्चे उठाये
पापियों क्यों तुम अपना अलग देश नहीं बनाते
क्यों हमारी जान हो खाते,
बख्श दो अब तो जान हमारी......
जाओ कहीं चाँद जैसा PLANET तलाशो,
हमें बख्शो अपनी थोड़ी LIFESTYLE सुधारो
अपने बच्चों का भी उज्जवल भविष्य सोचो
उनके लिए भी हमारी कहानियां बनाओ उन्हे सुनाओ
हमसे दूर रहना सीखो
महाकीटों बख्श दो अब तो जान हमारी......
कब तक चूसते रहोगे VITAMIN PROTEIN हमारी
अब तो FAMILY PLANNING भी पूरी कर दी तुम्हारी
बख्श दो अब तो जान हमारी......

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