Monday 27 January 2014


चाँद तक कोई
रास्ता नहीं जाता पर
प्यार की हर मंज़िल
चाँद से हो कर गुज़रती है

चढ़ते जूनून से, उतरते
बुखार तक …हर तन्हा 
रात में चाँद
हमराज़ होता है
मधमाती रातों में
ख्वाबों भरी आँखों में
अपने हबीब को
ज़ेहन में साथ लिए
चाँद बड़ा खूबसूरत लगता है
मोहब्ब्त की न जाने कितनी
अनकही नज़मो की महफ़िले
चाँद संग रोशन रहती है
दिलजले, संगदिल, दिलबर
सभी का साथी बन
ख़ामोश सदायें सुनता रहता है
यूँ तो चाँद 
बहुत दूर है मगर
प्यार के हर मोड़ पर
बाहें फैलाये खड़ा है………

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